दिहाड़ी मजदूरी करने वाला शख्स, आज है 1600 करोड़ की कंपनी का मालिक, जानिए खबर
मुम्बई | ज़िंदगी हमेशा आपकी बेहतरी के लिए एक ना एक रास्ता खुला रखती है | अधिकतर लोग अपनी असफलता का ज़िम्मेदार अपनी ज़िंदगी और किस्मत को ठहराते हैं | लोगों की हमेशा शिकायत रहती है कि ज़िंदगी ने उन्हें मौका नहीं दिया, मौका मिला तो किस्मत ने धोखा दे दिया, जबकि सच बात तो ये है कि मौका और धोखा ये दोनों चीजें हम खुद कमाते हैं |
ठीक उसी तरह जिस तरह दिहाड़ी के 15 रुपये कमाने वाले इस मजदूर ने अपने सपने को सच किया और बन बैठा 1600 करोड़ की कंपनी का मालिक | Ess Dee Aluminium Pvt Ltd के संस्थापक सुदीप दत्ता ने अपने जीवन की शुरुआत एक मजदूर के रूप में की और देखते ही देखते अपनी मेहनत और समझ बूझ से एक बड़ी कंपनी के मालिक बन बैठे |
सबकी तरह सुदीप भी आंखों में सुनहरे सपने लिए मुंबई पहुंचे थे लेकिन इस मायानगरी के छलावे ने उनके सपने सच करने के बदले उन्हें मज़दूर बना दिया | हालांकि मुंबई के बारे में यह बात बहुत प्रसिद्ध है कि ये शहर हर इंसान को पहले परखता है और जो इसके इम्तेहान में पास हो जाता, उसे ये शहर इतना देता है कि उससे संभाला नहीं जाता | शायद ये मुंबई सुदीप को भी परख रही थी | 1988 में सुदीप ने अपने कमाने की शुरुआत एक कारखाना मजदूर के रूप में की | 12 लोगों की टीम के साथ वह एक करखाने में सामानों की पैकिंग, लोडिंग और डिलीवरी का काम करते थे | इसके बदले इन्हें दिन के मात्र 15 रुपये के हिसाब से मजदूरी मिलती थी | करोड़ों की संपत्ति बनाने वाले सुदीप को अपने शुरुआती दिनों में एक ऐसे छोटे से कमरे में रहना पड़ता था जहां पहले से ही 20 लोगों का बोरिया बिस्तरा लगा हुआ था | सुदीप का रूम मीरा रोड पर था और इन्हें काम के लिए जोगेश्वरी जाना पड़ता था. इस बीच का फासला 20 किमी था | ट्रांसपोर्ट का खर्चा बच सके इसलिए सुदीप हर रोज रूम से पैदल ही काम पर जाते और आते. इस तरह वह रोज 40 किमी का सफर पैदल तय करते थे | सुदीप ने अपनी कंपनी का बहुत ही तेज़ी से विस्तार मेहनत और लगन के दम पर कर दिया | 1998 से 2000 के बीच सुदीप ने पूरे देश में अपने 12 यूनिट स्थापित किए | एक समय ऐसा आया जब सुदीप की कंपनी भारत की नंबर 1 पैकेजिंग कंपनी बन कर उभरी | इस दौरान इनकी Ess Dee Aluminium कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्ट की गई | इन्हें इनकी मेहनत के लिए पैकेजिंग उद्योग के नारायण मूर्ति कह कर बुलाया जाने लगा | उस समय ” Ess Dee Aluminium ” कंपनी की मार्केट वैल्यू 1600 करोड़ से भी अधिक थी | बताया जाता है कि सुदीप दत्ता ने गरीब लोगों की मदद के लिए सुदीप दत्ता फाउंडेशन की स्थापना की थी | इसके साथ ही इन्होंने अपने जैसे उन युवाओं की मदद के लिए प्रोजेक्ट हैलपिंग हैंड की शुरुआत भी की थी, जो अपनी आंखों में बड़े बड़े सपने लेकर मुंबई शहर में आते हैं | ज़िंदगी हमेशा आपकी बेहतरी के लिए एक ना एक रास्ता खुला रखती है |