साइकल रिपेयर करने वाला शख्स बना आईएएस ऑफिसर , जानिए खबर
महाराष्ट्र | यदि व्यक्ति सच्चे मन से ठान ले तो वह क्या नही कर सकता है जी हाँ , जिस शख्स के पास कभी कॉलेज में एडमिशन के लिए पैसे नहीं थे, परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, वो आदमी एक दिन अपनी मेहनत और लगन से यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर आईएएस बन गया | मुश्किल हालातों से लड़ते हुए सफलता की इबारत लिखने वाले इस शख्स का नाम वरुण कुमार बरनवाल है | हाल ही में आईएएस वरुण ने एक यूट्यूब चैनल पर अपनी प्रेरक कहानी बयां की है | महाराष्ट्र के बोईसर के रहने वाले वरुण बरनवाल पढ़ाई-लिखाई में हमेशा आगे रहे | वरुण के पिता की साइकल रिपेयर की दुकान थी | इस दुकान से बस इतनी कमाई हो जाती थी कि बच्चों की पढ़ाई के साथ घर का खर्च चल सके | लेकिन कहानी ने दुखद मोड़ तब लिया जब वरुण की 10वीं की परीक्षा खत्म होने के चार दिन बाद ही उनके पिता का निधन हो गया | एक तो आर्थिक तंगी, ऊपर से पिता के गुजर जाने के बाद परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ | हालांकि, वरुण ने 10वीं में टॉप किया लेकिन पिता के निधन के बाद वो पूरी तरह से टूट गए | उन्होंने पढ़ाई छोड़कर, दुकान संभालने का निर्णय ले लिया. लेकिन घरवालों के कहने पर पढ़ाई जारी रखी | आगे चलकर उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया | यहां भी पैसों की कमी आई | हालांकि, कॉलेज में जब उन्होंने टॉप किया तो स्कॉलरशिप मिली और हालात थोड़े सुधरे | लेकिन इस दौरान एक बार टीचर्स और दोस्तों ने मिलकर उनकी फीस भरी, किताबें भी उन्होंने ही लाकर दी | इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने जॉब शुरू की | लेकिन इसी बीच वरुण का मन सिविल सर्विसेज में जाने का बन गया | ऐसे में उन्होंने एक कोचिंग क्लास जॉइन की और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी | साल 2013 में सिविल सेवा परीक्षा में वरुण ने 32वीं रैंक हासिल की | पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर लिया | आईएएस वरुण कहते हैं कि उन्होंने यूपीएससी की कोचिंग के लिए एक भी पैसे नहीं दिए थे | उनकी आर्थिक स्थिति देखने हुए टीचर्स ने भी उन्हें फीस देने के लिए फोर्स नहीं किया था | वर्तमान में वरुण कुमार बरनवाल गुजरात में बतौर आईएएस तैनात हैं |