जब एक माँ बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए दौड़ी 400 मीटर की दौड़ ….
माँ शब्द नही जीवन की एक ऐसा शुकुन युक्त प्रकाश है जो हर किसी के जीवन को प्रकाशमय करती है | इन्ही वक्यांश को सच किया है रेखा कांडपाल ने | कहा जाता है अच्छे कार्यो में कुछ देर भले ही लग सकती है पर सफलता जरूर मिलती है | कुछ इसी सोच को लेकर रेखा कांडपाल हल्द्वानी स्टेडियम में पीआरडी की भर्ती के लिए दौड़ने पहुंची | विदित हो की रेखा के पति का एक वर्ष पहले निधन हुआ था | वर्तमान में तीन बच्चो की माँ रेखा कांडपाल अपने मायके के पास किराए के मकान में रह रही है | रेखा ने अपनी बेटी को डाक्टर और बेटे को पायलट बनाने का संकल्प लिया | अपने बच्चो को इस लायक बनाने के लिए ही वह भर्ती होना चाहती है इस इच्छा शक्ति के साथ रेखा ने ४०० मीटर की भर्ती दौड़ में पहला स्थान प्राप्त किया | रेखा नारी शक्ति की वह मिशाल है जो अन्य महिलाओ के लिए एक आदर्श साबित हो रही है |