वकील चैंबर में माला पहनाकर शादी कर सकते है : सुप्रीम कोर्ट
देहरादून | अदालत शादी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। मद्रास हाईकोर्ट के निर्देशों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, वकील चैंबर में सहमति वाले विवाह ( प्रेम विवाह) के लिए सार्वजनिक अनुष्ठान या घोषणा की जरूरत नहीं है। कोई भी जोड़ा एक-दूसरे को माला पहनाकर या अंगूठी पहनाकर शादी कर सकते है। विवाह की प्रक्रिया में वकील, अदालत के अधिकारी की पेशेवर हैसियत से नहीं, बल्कि विवाह जोड़े के मित्र, रिश्तेदार या सामाजिक कार्यकर्ता की हैसियत से हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7(ए) के तहत विवाह संपन्न करा सकते हैं। यह फैंसला जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया था। मद्रास हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था कि, वकीलों के जरिए कराई जाने वाली शादी मान्य नहीं हैं। साथ ही सुयम्मरियाथाई विवाह (आपसी सहमति विवाह) को गुप्त रूप से संपन्न नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह ऐतिहासिक आदेश दिया है |