खिलाड़ी सरिता : साइकिल खरीदने के लिए पैसे नहीं, लेकिन जज्बा पदकों से भरा हुआ
लोहरदगा | लोहरदगा जिले के शहरी क्षेत्र स्थित करचा टोली निवासी साइकिलिंग खिलाड़ी सरिता कुमारी साइकिलिंग में अद्भुत प्रतिभा दिखा चुकी हैं | जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक मेडल जीत देश के लिए ओलंपिक खेलने की योजना बनाकर आगे भी बढ़ रही हैं | लेकिन, गरीबी के कारण महंगी साइकिल खरीद नहीं पा रही हैं जिससे वो काफी परेशान हैं | सरिता लोहरदगा जिला प्रशासन से मिलकर एक रेसिंग साइकिल की मांग कर चुकी हैं | सरिता ने राज्य सरकार से भी ओलंपिक की तैयारी करने के लिए साइकिल की मांग की ताकि वो ओलंपिक मेडल जीत देश और राज्य का नाम रोशन कर सके | लेकिन अब तक इन्हें सरकारी स्तर से साइकिल मुहैया नहीं करवाई गई है | सरिता के माता-पिता सनिया उरांव और सातो उरांव मजदूरी के काम करते हैं | विपरीत परिस्थिति के बावजूद सरिता ने जूनियर साइकिलिंग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदकों का अंबार लगा दिया, लेकिन आज भी जिले के अधिकारी और न जनप्रतिनिधि उनको पुरस्कृत तो दूर सम्मानित भी नहीं कर पाए. सरिता कुमारी ने एथलेटिक्स से अपनी शुरुआत की थी लेकिन साइकिलिंग की ट्रायल में जाने के बाद उनकी दुनिया ही बदल गई | इसके बाद देखते ही देखते जिला से राज्य और राज्य से देश के लिए खेलने का गौरव प्राप्त किया | राष्ट्रीय स्तर पर 2022 में गुवाहाटी में जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 3 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल के साथ बेस्ट राइडर का खिताब जीता, वर्ष 2023 में रांची में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 3 गोल्ड जीत कर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भारत का प्रतिनिधित्व किया |वर्ष 2024 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में 1 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता | इसी वर्ष 2024 में चीन में आयोजित जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में 500 मीटर साइकिलिंग रेस में पदक से वंचित रहीं, लेकिन मात्र 36.6 सेकंड में रेस पूरा कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया |