आप की कलह से धूमिल हुई वैकल्पिक राजनीति की उम्मीद
जो घटनाक्रम इन दिनों आम आदमी पार्टी में चल रहे है | यकीनी तौर पर वह उनका अंदरूनी मामला है और नैतिक रूप से हमे उस पर लिखने बोलने का हक भी नही बनता | पिछले कई दिनों से खुद को रोके हुए था ‘आप की कलह’ पर सम्पादकीय लिखने से | क्यूंकि उम्मीद ये थी कि आज नही तो कल “आप” के वरिष्ठ नेता आपस में बैठकर मामले का हल निकाल ही लेंगे | पर अब जब मिडिया में ये खबरे आने लगी है की योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण आम आदमी पार्टी के अन्य असंतुष्ट नेताओ के साथ…