आपदा प्रबंधन के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएः सीएम
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों विशेषकर युवाओं को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया जाए। यह प्रशिक्षण नियमित अन्तराल में दिया जाय। रेस्क्यू के समय को और कम कैसे किया जा सकता है, इसके लिए प्रयास किये जाय। आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील स्थानों पर वैकल्पित मार्गों की व्यवस्था की जाय। यह भी सुनिश्चित किया जाय कि जो नयी सड़के बन रही हैं, उनमें रोड कटिंग सही तरीके से हो। आपदा से सबंधित विशेषज्ञों व एसडीआरफ के माध्यम से महिला एवं युवक मंगल दलों को प्रशिक्षित किया जाय। भूकम्प की दृष्टि से सुरक्षित भवन निर्माण के लिए कैसी भवन शैली उपयुक्त हो, इसका भी अध्ययन किया जाय। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि इस मानसून सत्र में कुल कितनी वित्तीय क्षति हुई है, सभी विभाग इसका आकलन कर आपदा प्रबंधन को 05 अक्टूबर तक उपलब्ध करायें, ताकि आपदा से हुई वित्तीय क्षति आकलन कर समय पर भारत सरकार को भेजा जा सके। यह सुनिश्चित किया जाय कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में फोरेस्ट रूट भी सही स्थिति में हो। फोरेस्ट गार्ड को भी आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाय। स्कूलों में बच्चों को आपदा से निपटने के लिए समान्य जानकारी हो तथा बच्चे छात्र जीवन से ही आपदा के प्रति जागरूक हों, इसके लिए स्कूलों के अध्यापकों को भी आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाय, ताकि वे बच्चों को इसके लिए जागरूक कर सकें।मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (आपदा प्रबन्धन विभाग) उत्तराखण्ड सरकार को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इन्सटियूट (पी0एम0आई0) द्वारा मध्यम लागत परियोजनाओं में ‘प्रोजेक्ट आफ द ईयर‘ का विजेता घोषित किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने पी0एम0आई0 की 50वीं स्थापना वर्ष के सम्बन्ध में 20-21 सितम्बर को हैदरबाद में आयोजित समारोह में उत्तराखण्ड को यह पुरस्कार दिये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी को बधाई भी दी। यू0ई0ए0पी परियोजना के अन्तर्गत 1968 कि0मी0 सड़क, 272 कि0मी0 ट्रेक रूट, 27 हैलीपेड व हैगर, पर्यटन सम्मपत्तियों, 09 शहरों की पेयजल योजनाओं का निर्माण किया गया था।