त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में पिछली बार से 17% कम वोटिंग
त्रिपुरा में रविवार को विधानसभा चुनाव में 74 फीसद मतदान हुआ जो पिछले विधानसभा चुनाव के 91.82 फीसद मतदान से 17 फीसद कम है. विधानसभा की कुल 60 सीटों में से 59 पर मतदान हुआ. चारिलाम विधानसभा क्षेत्र में पिछले हफ्ते माकपा उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब वर्मा की मौत हो जाने के कारण रविवार को मतदान नहीं हो पाया. इस निर्वाचन क्षेत्र में 12 मार्च को वोट डाले जायेंगे. चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार राज्य में 74 फीसद मतदाताओं ने वोट डाला. मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने अपनी पत्नी पांचाली भट्टाचार्य के साथ मतदान करने के बाद कहा, “यह निश्चित है कि इस चुनाव के बाद वाममोर्चे की आठवीं सरकार बनेगी. हमें इसकी पूरी उम्मीद है.” भाजपा त्रिपुरा के अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने दक्षिणी त्रिपुरा के उदयपुर में मतदान करने के बाद कहा, “लोग बदलाव चाहते हैं. लोग त्रिपुरा में भाजपा की सरकार बनने की कामना कर रहे हैं.” भाजपा इस पूर्वोत्तर राज्य में वाम शासन का 25 साल पुराना गढ़ ढहाने की जी-तोड़ कोशिश में जुटी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जैसे पार्टी के दिग्गज खुद ही इस अभियान के अगुवा हैं. भाजपा ने 51 सीटों पर उम्मीदवार उतार रखे हैं. उसने इंडिजिनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) से चुनावपूर्व गठबंधन किया था. बाकी नौ सीटों पर वामविरोधी आईपीएफटी ने अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब बर्मा के निधन की वजह से चरीलम जनजातीय आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव रद्द हो गया. यहां 12 मार्च को चुनाव होगा. राज्य में 25,73,413 पंजीकृत मतदाता हैं जिनमें 12,68,027 महिलाएं हैं. यहां पर साल 2013 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 92 फीसदी और 2008 में 91 फीसदी मतदान हुआ था.