दो मुंहा सांप के चक्कर में गए जेल , जानिए खबर
कलियर। पुलिस ने चेकिंग के दौरान दुर्लभ प्रजाति (दो मुंहा सांप) के सांप के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। तस्कर इस सांप को नेपाल बार्डर के नानपारा इलाके से डेढ़ लाख रुपये में खरीदकर लाए थे। इस सांप को कलियर में पांच लाख रुपये में बेचे जाने की तैयारी थी। आरोपित लंबे समय से वन्य जीवों की तस्करी कर रहे थे। सांप को वाइल्ड लाइफ संस्थान में भेजे जाने की तैयारी है। जबकि तस्करों को जेल भेज दिया गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस सांप को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। कुछ लोग कहते हैं कि इसका उपयोग यौन क्षमतावर्द्धक दवाओं को बनाने में किया जाता है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। वहीं कुछ लोग तंत्र-मंत्र विधाओं में इसका प्रयोग करते हैं। कलियर एसओ प्रमोद कुमार बेडपुर चोराहे पर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरारन उन्हें सूचना मिली कि भगवानपुर की ओर से दो व्यक्ति एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर कलियर की ओर आ रहे हैं। उनके पास दुर्लभ प्रजाति का सांप भी है। इस सांप को बेचने के लिए ही वह कलियर आ रहे हैं। इस पर पुलिस ने घेराबंदी करते हुए बाइक सवारों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस की चेकिंग देखकर उन्होंने बाइक को वापस भगवानपुर की ओर मोड़ लिया। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी करते हुए उनको पकड़ लिया। पुलिस ने तलाशी ली तो उनकी मोटरसाइकिल की डिग्गी में एक थैले में दुर्लभ प्रजाति का सांप रखा हुआ था। करीब दो फुट लंबे इस सांप को देखकर एक बार तो पुलिसकर्मी भी डर गए। इसके बाद आरोपितों से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपने नाम इस्तिखार पुत्र मुस्तकीम व जाबिर पुत्र जिंदा हसन निवासी कस्बा समसपुर, थाना सरसावा, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश बताया। तस्करों ने बताया कि 10 दिन पहले ही उन्होंने इस सांप को नेपाल बॉर्डर के नानपारा से डेढ़ लाख रुपये में खरीदा था। कलियर में उन्हें इस सांप को एक व्यक्ति को पांच लाख रुपये में बेचना था। उन्होंने बताया कि वह नानपरा से दुर्लभ प्रजाति के सांप को कम कीमत पर लेकर आते हैं और उनको वह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में बेचते हैं। अब तक 12 से अधिक सांपों को वह बेच चुके हैं। दो माह पहले थाना सरसावा पुलिस ने उन्हें दुर्लभ सांप के साथ पकड़ा था। करीब 15 दिन पहले ही वह जमानत पर आए थे। एसओ प्रमोद कुमार ने बताया कि आरोपित जाबिर से पूछताछ में पता लगा कि आठ साल पहले भी अपने साले के साथ मिलकर यह कार्य शुरू किया था। तब से उसकी नानपारा में जान पहचान हो गई। सांपों की तस्करी के अलावा तस्कर इस्तकार के खिलाफ मोटरसाइकिल चोरी, तमंचा रखने आदि जुर्म के मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, जाबिर के खिलाफ भी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हैं। पुलिस दोनों का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। पुलिस ने सांप को अदालत में पेश किया। अब अदालत के आदेश पर सांप को वाइल्ड लाइफ संस्थान देहरादून भेजा जाएगा।