प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया
बुधवार अपराह्न साढ़े तीन बजे प्रधानमंत्री मोदी पीएमओ से वीडियो कांफ्रेंसिंग से सीधे सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से जुड़े। सबसे पहले उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने उन्हें केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी दी। इसके कुछ देर बाद मोदी ने ड्रोन से निर्माण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने मुख्य सचिव से पूछा कि मंदिर के चबूतरे का कितना विस्तार हुआ। सिंह ने कहा कि 1500 वर्ग मीटर से बढ़ाकर अब इसे 4125 वर्ग मीटर कर दिया है। फर्श पर पत्थर बिछाने का कार्य चल रहा है। मोदी ने पूछा कि क्या सरस्वती नदी में जाने का रास्ता ठीक हो गया। मुख्य सचिव ने कहा कि बर्फ पड़ी होने से अभी काम शुरू नहीं हो पाया, बर्फ पिघलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम स्थल से मंदिर तक 270 मीटर तक जमा 12 फीट मलबा हटा दिया गया है। मंदिर तक 50 फीट चौड़ाई का मार्ग निर्माणाधीन है। 24 भागों में बंटे इस मार्ग के 20 पैनल में सतह के कार्य पूरे हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि आदि शंकराचार्य कुटीर एवं संग्रहालय निर्माण का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। गरुड़चट्टी से श्री केदारनाथ 3.5 किमी पैदल मार्ग पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इसमें 1.6 किमी का कार्य पूर्ण हो गया है। गौरीकुंड से लिंचौली होते हुए श्री केदारनाथ मार्ग के चौड़ीकरण और सुधारीकरण का कार्य चल रहा है। सिंह ने बताया कि केदारनाथ में हिमस्खलन और भूस्खलन से बचाव के लिए 300 मीटर में बैरियर और ड्रेनेज का निर्माण चल रहा है। उन्होंने अगले तीन महीने में कार्य पूरा होने का भरोसा दिया। मोदी बीच-बीच में मुख्य सचिव को कुछ सुझाव भी देते रहे। अपराह्न पौने चार बजे ड्रोन ने सोनप्रयाग से उड़ान भरी। लगभग 20 मिनट में ड्रोन केदारनाथ पहुंच गया। इस दौरान वहां मौसम साफ रहा, हालांकि ड्रोन के ऊपर-नीचे की लोकेशन बदलने से कई बार मौके की तस्वीरें साफ नजर नहीं आई। मोदी ड्रोन के जरिए सरस्वती व मंदाकिनी नदियों के बाढ़ सुरक्षा व घाटों का निर्माण, मंदिर का चबूतरा और पीछे की सुरक्षा दीवार और अन्य निर्माण कार्यों का जायजा लिया। जब ड्रोन केदारनाथ धाम से गुजरा, उस वक्त भी वहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहे थे।