वांण स्थित लाटू धाम के कपाट छः माह के लिए खुले
वांण स्थित लाटू धाम के कपाट छः माह के लिए खुल गये है। रविवार को दोपहर 2.25 बजे धाम का गुप्त गर्भगृह कुछ मिनटों के लिए खोला गया। जबकि बाहरी गृभगृह छः माह के लिए आम श्रद्धालुओ के लिए खोल दिया गया है। कपाट खुलने के अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूजा-अर्चना की। पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत रविवार को प्रातः काल से ही लाटू धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। हालांकि बैशाख पूर्णमासी को प्रतिवर्ष कपाट खोले जाते है। किंतु इस बार पूर्णमासी का पर्व दोपहर बारह बजे के बाद शुरू होने के चलते कपाट खोलने की प्रक्रिया आज ही शुरू की गयी। प्रातःकाल धाम के मुख्य पुजारी खीम सिंह नेगी के नेतृत्व में अन्य पुजारीयों ने कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू की। दोपहर एक बजे से धाम में पूजा अर्चना शुरू की गयी। जबकि दोपहर 2.25 बजे मंदिर के गुप्त गृभगृह को कुछ देर के लिए खोलकर उसमें पूजा अर्चना की गयी। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री रावत ने बाहरी गृभगृह में पूजा अर्चना की। साथ ही अन्य श्रद्धालुओं ने भी पूजा अर्चना शुरू कर दी। गृभगृह खुलने के बाद मंदिर परिसर में महिलाओं एवं पुरूषों ने झोडे लगाकर मां राजराजेश्वरी नंदा भगवती एवं लाटू सहित अन्य देवी देवताओं को आहवाहन किया। करीब पौने तीन बजे नंदा भगवती, लाटू के साथ ही अन्य देवी देवता अवतरित हुई। देवी देवताओं के पशुवाहों ने मौजूद श्रद्धालुओं को आर्शीवाद दिया। कपाट खोलने की प्रक्रिया में मुख्य पुजारी के अलावा पुजारी लखपत सिंह बिष्ट, अवतार सिंह बिष्ट, मदन सिंह बिष्ट, ,खडक सिंह बिष्ट, घनश्याम सिंह बिष्ट, खडक सिंह
सुरागी के अलावा मंदिर समिति के अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, क्षेपस हीरा सिंह पहाडी आदि ने भाग लिया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री रावत ने वांण स्थित नंदा भगवती के मंदिर में पूजा अर्चना की उसके बाद सीएम का काफिला पैदल करीब डेढ किमी चलकर लाटू धाम पहुंचा। कपाट खुलने के इस पावन मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सिरकत करते हुऐ पूजा अर्चना कर मनौतियां मांगी। धाम के कपाट कार्तिक पूर्णमासी को बंद होगें। उधर आज ही सुया स्थित लाटू मंदिर के कपाट भी मात्र एक दिन के लिए खोला गया। जहां पर भी श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर मनौतियां मांगी। इस मौके मुख्य पुजारी पुष्कर सिंह रावत, महिपाल सिंह रावत, गौरव सिंह रावत, प्रताप सिंह रावत, कुंदन सिंह रावत, आलम सिंह रावत आदि ने कपाट खोलने की प्रक्रिया में शामिल हुऐ।