सवर्ण जाति के गरीबों के लिए आरक्षण के संकल्प पर किशोंर ने जताया आभार
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सवर्ण जाति के गरीब लोगों को सरकारी सेवा में आरक्षण दिये जाने के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड की विधानसभा में संकल्प पारित किये जाने का स्वागत करते हुए प्रदेश के कांग्रेसजनों की ओर से मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं मंत्रिमण्डल के सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है। उपाध्याय ने बयान जारी करते हुए कहा कि वे लम्बे समय से केन्द्र सरकार से सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य को केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षण की परिधि में लाये जाने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश के विभिन्न सरोकारों को लेकर दिनाक 18 दिसम्बर, 2014 को नई दिल्ली, जन्तर-मन्तर में केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक दिवसीय सत्याग्रह का आयोजन किया गया था जिसमें सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य को केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षण की परिध में लाने की मांग प्रमुख थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखण्ड को पूर्व में ही केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण की परिधि में आना चाहिए था, क्योंकि यहां की सामाजिक, आर्थिक एवं भौगोलिक परिस्थितियां तथा रस्मो-रिवाज ठीक उन्हें क्षेत्रों की तरह हैं जिनको इस आरक्षण की सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन की भी यह प्रमुख मांग रही है जिसके लिए उन्होंने केन्द्र सरकार से सम्पूर्ण उत्तराखण्ड वासियों को केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण की परिधि में लाये जाने की मांग की थी परन्तु केन्द्र सरकार द्वारा इस पर कोई सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया जा रहा है। उपाध्याय ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस मामले में कदम आगे बढ़ाते हुए राज्य के गरीब सवर्ण परिवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का संकल्प पारित कर इसकी बुनियाद रखी है जो उत्तराखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में तमिलनाडु एवं केरल की राज्य सरकारों द्वारा इस तरह का निर्णय लेते हुए अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए अन्य वर्गो के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन इन्हीं प्रदेशों की भांति उत्तराखण्ड में भी आरक्षण व्यवस्था लागू करने की मांग करती है।