स्मृति ने सिविल सर्विसेज की पढ़ाई छोड़कर चुना माॅडलिंग का सफर
स्मृति जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व भोजन संबंधी आवश्यकताओं को कर रही पूरा
देहरादून । प्रतिभा हो तो तमाम प्रकार के अभाव व परेशानियों को मात दी जा सकती है, और इस बात को सही साबित कर दिखाया है उत्तरकाशी के नौगांव विकासखंड की स्मृति सिलवाल ने। एक सामान्य परिवार से होने के बावजूद आज स्मृति जहां माॅडलिंग व एक्टिंग के क्षेत्र मे मजबूत इरादों व हौसलों के साथ अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं वहीं दूसरी तरफ वह उत्तराखंड में राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त ‘मल्टी मीडिया डाॅट काॅम सोसाइटी‘ आॅर्गनाइजेशन की ब्रांड एंबेसडर भी है। यह संस्था स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण व यातायात संबधी जागरूकता के लिए कार्य करती है। इसके अलावा वह मुंबई में ‘सोशल बीआंद बाउन्ड्रीज‘ संस्था से जुड़ी हुयी हैं जहां वह जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा,स्वास्थ्य व भोजन संबंधी आवश्यकताएं पूरी कर समाज सेवा भी कर रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर स्मृति ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि, उत्तराखंड की नारियों का इतिहास हमेशा से गौरवशाली रहा है और हम सौभाग्यशाली है कि हमें उत्तराखंडवासी कहलाने का सौभाग्य मिला है। स्मृति ने कहा कि, पहाड़ से निकलकर ग्लैमर की दुनिया में कदम रखना उनके लिए बिल्कुल आसान काम नही था। उन्होंने बताया कि जब वह मुंबई गयी तो माॅडलिंग के बारे में उन्हें गाइड करने वाला कोई नहीं था, लेकिन आत्मविश्वास व बुलंद हौसलों ने उनका मार्गदर्शन किया। मुंबई में एक थिएटर ग्रुप से जुड़ी स्मृति ने ‘अपने अपने दांव‘ प्ले में अहम भूमिका निभायी है। इसके अलाव चैनल ‘वी‘ के रिएलिटी टीवी शो मेगा माॅडल ग्लैडरैग्स में अपनी कला व प्रतिभा का परिचय बखूबी दे चुकी हंै। जाॅन अब्राहम, डिनो मौर्या व कंगना रनौत को स्टार बनाने वाली ग्लैडरैग्स अकेडमी में स्मृति के ब्यूटी विद ब्रेन को खूब सराहा गया। इसके अलावा अब तक वह कई ब्रैंड्स के लिए काम कर चुकी है। बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्मृति की माता अरूणा व पिता बाबूराम सिलवाल हैं। सबसे खास बात यह है कि चार भाई बहनों में अलग करने की ख्वाहिश लेकर स्मृति ने हौसलों के दम पर ग्लैमर जगत में कदम रखा। दिल्ली से सिविल सर्विसेज की पढ़ाई कर चुकी स्मृति ने पढ़ाई छोड़कर माॅडलिंग व फिल्म इंडस्ट्री को चुना।