हजारों प्रवासी मजदूरों को राहत देगी सरकार, श्रम विभाग ने 4 जिलों में बांटे ढाई करोड़ रूपये
देहरादून। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूरे देश में जारी लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को हो रही है। जिनको राहत देने के लिए सरकार अपने स्तर से लगी हुई है। श्रम विभाग ने अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर जिलों के पंजीकृत मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान राहत देते हुए करीब ढाई करोड़ रुपये बांटे हैं। इसके अलावा बाहरी राज्यों के फंसे प्रवासी मजदरों को अभी तक कोई राहत राशि नहीं मिल पाई है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों को राहत देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने श्रम विभाग से उनका डाटा एकत्रित करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि लाकडॉउन के चलते सड़क, भवन, सहित विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए पहाड़ों की ओर रुख करने वाले बाहरी राज्यों के हजारों मजदूर यहां फंसे हुए हैं। हालांकि, प्रशासन ने प्रत्येक जिले में विभिन्न जगहों पर शेल्टर होम बनाकर उनके भोजन और रहने का प्रबंध किया है। पर्वतीय क्षेत्र में काम करने वाले मैदानी राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के अलावा नेपाल के प्रवासी मजदूरों की संख्या सर्वाधिक है। सहायक श्रम आयुक्त उमेश चंद्र रॉय ने बताया कि प्रवासी मजदूरों का विवरण तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार की नई योजना से आच्छादित करने के लिए प्रवासी मजदूरों की डीटेल मांगी जा रही है। वहीं अल्मोड़ा में लगभग एक हजार मजूदर चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कुमाऊं के चारों जिलों अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर में करीब चार हजार मजदूरों के खाता संख्या के साथ एक डाटा बेस तैयार कर भारत सरकार को भेज दिया गया है। सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि भारत सरकार के निर्देश पर सभी मजदूरों का पूरा डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। जिससे मौका मिलते ही ऐसे प्रवासी मजदूरों को उनके स्थान तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था और जरूरी इंतजाम करने के लिए ठोस योजना बनाई जा सके।