उत्तराखंड : भारी बरसात के बाद 500 के आसपास सड़कों के बंद होने से मुसीबतें बढ़ी
देहरादून। राज्य के कई जिलों में बीती रात से ही झमाझम बारिश का दौर जारी है, जिसके चलते नदियां नाले उफान पर हैं। जिससे चारों ओर भय का वातावरण है। वही बारिश के कारण तमाम राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों पर हो रही भूस्खलन की घटनाओं के कारण बद्रीनाथ और केदारनाथ यात्रा भी बाधित है। राज्य के 5 जिलों में आज स्कूल बंद रहे। प्रशासन द्वारा नदियों व नालों से दूर रहने की अपील की गई है। बीती रात से चमोली और उत्तरकाशी तथा पौड़ी में भारी बारिश का दौर जारी है। जिसके कारण अलकनंदा, पिंडर और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ गया है। पिंडर नदी क्षेत्र में आए नारायण बगड़ और बाजार को खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन द्वारा लोगों से घरों को खाली कराया जा रहा है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा जा रहा है पिंडर नदी के प्रवाह को देखकर लोग दहशत में हैं। उधर थराली में प्राणवती नदी किनारे बसे लोगों को खतरे की जद में ले लिया है। लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं यहां कई घर धराशाई होने की कगार पर है। एन एच 94 पर कई जगह मलवा आने से हाईवे पर यातायात ठप हो गया वहीं एनएच 58 पर भी तोता घाटी के पास भारी मलवा आने से ऋषिकेश गंगोत्री मार्ग बंद हो गया है। उधर चमोली में लामबगड़ में पागल नाले के पास भारी भूस्खलन से यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है। कोटद्वार से प्राप्त समाचार के अनुसार दुगड्डा जाने वाली सड़क बीते 5 दिनों से बंद पड़ी है जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पौड़ी में भारी बारिश के चलते एक मकान का पुस्तक गिर जाने से घर को खाली कर लिया गया है। उधर रुद्रप्रयाग से मिली खबर के अनुसार केदार धाम पैदल मार्ग भी मलवा आने से कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है तथा उत्तरकाशी से प्राप्त समाचार के अनुसार यहां गंगा उफान पर है तथा गंगा घाटों के जलमग्न होने की खबरें हैं राज्य में हो रही भारी बारिश के कारण तमाम नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे सहित छोटी बड़ी 500 के आसपास सड़के किसी न किसी वजह से बंद हो चुकी है जिसके कारण पहाड़ पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पेयजल और बिजली की लाइनों को टूटने से लोगों को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही है। तथा कई क्षेत्रों में खाघ संकट पैदा हो गया है। मौसम विभाग द्वारा कल तक राज्य में भारी और भारी से भी भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है आसमान से बरस रही इस आफत से भले ही लोगों के जीवन पर संकट के बदले मंडरा रहे हो लेकिन उन्हें अभी इससे राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।