एक सरकारी टीचर 30 साल से रोज साफ करते हैं स्कूल का टॉइलट
कर्नाटक | देश के सरकारी स्कूलों में शौचालय की सफाई के लिए या तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं हैं या फिर वह शौचालय साफ नहीं करते। सरकारी स्कूलों में गंदे शौचालय की समस्या आम है।कई स्कूलों में बच्चों से शौचालय साफ करवाने की खबरें भी सामने आती हैं, लेकिन कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल में ऐसे टीचर हैं जो रोज अपने स्कूल का शौचालय खुद साफ करते हैं। कर्नाटक के चामराजनगर जिले के गुंडलुपेट में होंगाहल्ली सरकारी प्राथमिक विद्यालय है। यहां पर बी महादेश्वर स्वामी हेड मास्टर हैं। स्कूल में गंदे शौचालय की समस्या से निपटने के लिए उन्होंने इसकी…
देश का नाम रोशन करेंगे झुग्गियों से निकले ये स्टार
नई दिल्ली | 17 साल की आरती फरीदाबाद के इंदिरा कॉम्पलेक्स में बनी झोपड़ी में रहती है। इन दिनों वह होमलेस फुटबॉल वर्ल्ड कप (बेघर फुटबॉल वर्ल्ड कप) में हिस्सा लेने आई हुई है। आरती ने जब टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनकर मेक्सिको के सिटी स्क्वेयर में बने जोकालो फुटबॉल मैदान पर पांव रखा, तो शायद ही उसके जहन में अपने घर की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों की याद बाकी हो। इस टूर्नमेंट में उन खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिलता है, जो गरीब परिवार से हैं और जिनके पास रहने को घर नहीं है, वे स्लम में रहते हैं। आरती…
स्कूली बच्चे बने 400 लोगों को मिलेगा नया ‘सहारा’
मुंबई | मुंबई के प्रतिष्ठित बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल के बच्चों ने शिक्षा का सही मतलब साबित कर मिसाल कायम की है। 9वीं से लेकर 12वीं क्लास तक के करीब 165 बच्चों ने अभी तक ₹43 लाख से ज्यादा रुपए क्राउडफंडिंग के जरिए इकट्ठा कर लिए हैं। यहां के बच्चे पैसे जमा कर विदर्भ क्षेत्र के दूर-दराज इलाकों के लोगों तक आर्टिफिशल लिंब पहुंचाएंगे। हर प्रॉस्थटिक लिंब की कीमत करीब 10000 रुपए होती है। ये रुपए देशभर के 165 शहरों के करीब 1500 लोगों ने दिए हैं। इन रुपयों से न सिर्फ उन्हें सहारा बल्कि एक नई जिंदगी मिलने की उम्मीद…
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका अहम
देहरादून | मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति उत्तराखण्ड और सजग इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में देहरादून जनपद के एसजीआरआर इंटर कॉलेज नेहरुग्राम में “युवा संवाद”कार्यक्रम आयोजित हुआ। संवाद का यह का र्यक्रम समिति के अध्यक्ष ललित जोशी के द्वारा प्रारम्भ हुआ जिसमे उन्होंने राष्ट्र प्रेम, राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका, समाज में बच्चों में फ़ैल रही नशाखोरी, माता-पिता के प्रति आज के युवाओं का कर्तब्य और देश की सुरक्षा में लगे जवान के प्रति सम्मान तथा देश की ज्वलंत समस्याओं में शिक्षा , स्वास्थ्य , पलायन, सुशासन, कानून व्यवस्था, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा तथा संस्कृति और सभ्यता…
चैटर्जी बहनों द्वारा बांसुरी प्रदर्शन का आयोजन
देहरादून। स्पिक मैके ने आज आर्मी पब्लिक स्कूल में देबोप्रिया चैटर्जी और सुचिस्मिता चैटर्जी द्वारा बांसुरी प्रदर्शन का आयोजन किया। इससे पहले, सर्किट के दौरान, उन्होंने देहरादून, मसूरी और ऋषिकेश के विभिन्न स्कूलों और संस्थानों में प्रदर्शन किया। उनके साथ तबला पर पंडित शैलेन्द्र मिश्रा रहे। लोकप्रिय रूप से श्फ्लूट सिस्टर्स कहलाने वाली, देबोप्रिया और सुचिस्मिता चैटर्जी दुनिया की सबसे अद्वितीय जोड़ी फ्लोटिसत्स हैं। इस अवसर पर बोलते हुए, एक छात्र, रक्षित ने कहा, ष्मैं देबोप्रिया और सुचिस्मिता मैम द्वारा बांसुरी प्रदर्शन को देख अचंभित हो उठा। मैं एक उग्र संगीत प्रेमी हूं और आज की बांसुरी संगीत की प्रस्तुति…
फूड फर्म ने खाने की बर्बादी रोककर बचाए 1.2 करोड़ रुपये
मुंबई एयरपोर्ट के लाउंज, कैफे और फूड आउटलेट में रखीं डस्टबिन का निरीक्षण करके करोड़ो रुपयों के साथ खाना भी बर्बाद होने से बचा लिया गया। दरअसल पिछले साल एक फूड ऐंड बेवरेज फर्म के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) मुंबई एयरपोर्ट में मौजूद थे। उनकी फ्लाइट लेट हो गई थी तो वहां एयरपोर्ट परिसर में स्थित जीवीके लाउंज में गए। उनकी नजर लाउंज के डस्टबिन में पड़ी तो उन्होंने हाथों में ग्लव्स पहनकर उसे खंगालना शुरू किया। डस्टबिन का निरीक्षण करते हुए उन्हें अक्सर यात्रा करने वाले पैसेंजर की खाने की अनोखी आदत का पता चला, जो अपनी लेट नाइट…
दो स्टूडेंट्स ने बनाई 17,000 बच्चों की पढ़ाई की राह
मुंबई | एक प्रतियोगिता से शुरू हुआ एक आइडिया अब गोरेगांव के एक स्कूल में पढ़ने वाले दो स्टूडेंट्स के लिए मुहिम बन गया है। दरअसल, इस साल की शुरुआत में दोनों ने राष्ट्रीय स्तर की एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। उन्हें कोई मुद्दा लेकर उसका समाधान निकालना था। पिछले दो महीने में सूर्या बालासुब्रमण्यम और त्रिशा भट्टाचार्य ने स्कूलों और लोगों से 380 किलो ई-वेस्ट इकट्ठा किया और उसे एक NGO (नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन) को डोनेट कर दिया। इसके तहत ई-वेस्ट के बेहतर डिस्पोजल को लेकर वे दोनों एक अभियान चला रहे हैं। इसके जरिये उन्होंने झुग्गी में रहने…
सिर्फ 5 रुपये में 1 हजार लोगों को मिलता है भरपेट भोजन,जानिए खबर
नैनीताल | अरुण उन हजारों लोगों में से हैं जिन्हें दिन के वक्त का खाना ‘थाल सेवा’ समूह द्वारा मिलता है। अरुण कुमार अपनी प्लेट का पूरा खाना खत्म करने के बाद एक संतोषजनक डकार लेते हैं। इसके बाद वह मिड डे मील देने वाले समूह को दुआ देते हैं। अरुण प्रवासी हैं जो पूर्व से हल्द्वानी आए हैं और यहां रिक्शा चलाते हैं। थाल सेवा स्थानीय नागरिकों की एक पहल है जिसे सोशल मीडिया द्वारा क्राउड फंड किया जाता है। हल्द्वानी के 10 नागरिकों के समूह ने एक साथ मिलकर यह सेवा चलाई है इस भरपेट भोजन के लिए…
नारायण का अनाथआलाय से गोल्ड मेडल तक का सफर , जानिये ख़बर
वह एक शारीरिक अक्षमता के साथ पैदा हुए। आठ साल की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया। अगले 8 साल अनाथ आश्रम में गुजारे। वहां से निकलने के बाद अपना पेट पालने के लिए डीटीसी की बसें साफ कीं और सड़क किनारे ठेलों पर काम किया। उन्होंने वह हासिल किया जो किसी भी आम इंसान के लिए लगभग नामुमकिन है। ये मुश्किलें भी नारायण ठाकुर को रोक नहीं पाईं। जकार्ता में हुए पैरा एशियन गेम्स में उन्होंने पुरुषों की 100मीटर T35 में गोल्ड मेडल जीता। कभी उत्तर पश्चिमी दिल्ली के समयपुर बादली इलाके की झुग्गी बस्ती में रहने…
भोजन के लिए एक विकेट पर 10 रुपये पाने वाले पप्पू देवधर ट्राफी के लिए तैयार
सफलता की भूख तो आम बात है, लेकिन बाएं हाथ के स्पिनर पप्पू रॉय के लिए सफलता के दूसरे मायने थे। इससे यह सुनिश्चित होता था कि उन्हें भूखे पेट नहीं सोना पड़ेगा। इस 23 वर्षीय गेंदबाज को देवधर ट्रोफी के लिए अंजिक्य रहाणे की अगुवाई वाली भारत सी टीम में चुना गया है, लेकिन कोलकाता के इस लड़के की कहानी मार्मिक है। पप्पू ने जब ‘मम्मी-पापा’ कहना भी शुरू नहीं किया था तब उन्होंने अपने माता-पिता गंवा दिए थे। उनके माता-पिता बिहार के रहने वाले थे जो कमाई करने के लिए बंगाल आ गए थे। पप्पू ने अपने पिता…