केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों की सराहनीय पहल
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने इस बार केदारनाथ धाम में गाय का पालन किया है। तीर्थ पुरोहितों ने दो गाय और एक बछिया को केदारनाथ में रखा हुआ है। तीर्थ पुरोहित प्रत्येक दिन ब्रम्हमुहूर्त में भगवान शिव का दुग्धाभिषेक करते हैं। कपाट खुलने से पहले से लेकर अभी तक तीर्थ पुरोहित केदारनाथ में गाय पाले हुये हैं और कपाट बंद होने तक गाय केदारनाथ में ही रहेंगी। विषम भौगोलिक परिस्थ्तिियां होने के बावजूद भी केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ने गायों को पाला हुआ है। पिछले कुछ दिनों से केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है, लेकिन बावजूद इसके केदारनाथ धाम में गायों को पाला जा रहा है। इतना ही नहीं प्रत्येक दिन ब्रम्हमुहूर्त में बाबा केदार का शुद्ध गाय के दूध से दुग्धाभिषेक किया जा रहा है। केदारनाथ धाम के इतिहास में यह पहली बार होगा कि तीर्थ पुरोहितों ने बाबा के दुग्धाभिषेक के लिये अलग से धाम में दो गायों को पाला है। केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने दो गायों और एक बछिया को कपाट खुलने से पूर्व ही धाम में मंगा दिया था। विनोद शुक्ला ने गायों की देखभाल के लिये अलग से दो कर्मचारी भरत बहादुर और संजय को तैनात किया है। यह दोनों प्रत्येक दिन गायों की देखभाल करने के साथ ही उन्हें चुगाने के लिये ले जाते हैं। इसके अलावा इन गायों को ऋषिकेश से चारा भी मंगाया जाता है। केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि केदारनाथ में विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं, लेकिन इसके बावजूद भी धाम में गायो को पाला जा रहा है। प्रत्येक दिन भगवान का ब्रम्हमुहूर्त में गाय के शुद्ध दूध से दुग्धाभिषेक किया जाता है। उन्होंने कहा कि एक गाय प्रत्येक दिन तीन से पांच लीटर दूध दे रही है। हालांकि बर्फबारी होने के बावजूद दूध में कुछ कमी आती है। केदारनसभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती और वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित लक्ष्मीनारायण जुगरान ने कहा कि केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला की सराहनीय पहल है। पहली बार धाम में भगवान शंकर के दुग्धाभिषेक के लिये गाय को पाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियां होने के बावजूद भी गाय को पालना सराहनीय प्रयास है |