गति फाउंडेशन ने छात्रों के लिए शैक्षिक दौरे का आयोजन किया
देहरादून। देहरादून स्थित गति फाउंडेशन द्वारा देहरादून अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र, शिशम बारा में पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (यूपीईएस) के 100 कानून छात्रों के लिए एक शैक्षिक दौरे का आयोजन किया गया। छात्रों ने टीम रैमकी के साथ बातचीत कर संयंत्र के तकनीकी विवरणों को समझा। यह दौरा सॉलिड वेस्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम 2016 और प्लास्टिक अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम 2016 को व्यावहारिक रूप से समझने के उद्देश्य पर आधारित था। देहरादून स्थित थिंक टैंक गति फाउंडेशन द्वारा स्कूल ऑफ लॉ, यूपीईएस के 100 छात्रों के लिए आधे दिन का दौरा आयोजित किया गया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य योजना प्रबंधन नियमों से संबंधित व्यावहारिक पहलुओं के बारे में जागरूक करना था। टीम गति और छात्रों ने रैमकी के अधिकारियों से बातचीत की, जो की उस प्लांट के प्रबंधन और संचालन के लिए जिम्मेदार हैं। रैमकी के, मोहित द्विवेदी, प्लांट प्रबंधक ने प्लांट के पूरे परिचालन तत्वों को विस्तार से समझाया और प्लांट से संबंधित छात्रों को पूर्ण जानकारी दी। अमित सिंह, कानून के सीनियर प्रोफेसर यूपीईएस, ने विश्वविद्यालय की तरफ से पूरी गतिविधि का समन्वय किया। सिंह ने कहा कि इस तरह के दौरे छात्रों के सही अकादमिक स्वभाव को विकसित करने और शहरों में अपशिष्ट प्रबंधन जैसे जटिल मुद्दों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे दौरे न केवल छात्रों के लिए एक आंख खोलने के रूप में कार्य करेंगे बल्कि उन्हें उनके शैक्षिक पाठ्यक्रम के एक हिस्से के रूप में सीखने वाले कानूनी नियमों और कानूनों के व्यावहारिक प्रभावों की पहचान करने में भी सक्षम होंगे। छात्रों ने विभिन्न कानूनों के संबंध में कई प्रश्न पूछे जो पूरे सुविधा पर लागू होते हैं जैसे कारखानों अधिनियम, श्रम कानून, अग्नि अधिनियम, जल अधिनियम और वायु अधिनियम। गति से, ऋषभ श्रीवास्तव, नीति विश्लेषक और डिजिटल संपादक ने दौरे की अवधारणा पर प्रस्तुतिकरण किया। ऋषभ ने खुद यूपीईएस से कानून की पढ़ाई पूर्ण की है। उन्होंने कहा कि गति फाउंडेशन अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही है, और इस क्षेत्र में कई शोध अध्ययन और अभियान आयोजित किये है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए यह भी कहा कि कूड़ा कैसे हमारे जीवन और शहर के बुनियादी ढांचे पर असर डालता है। यूपीईएस के छात्र अनुभव कुमार ने कहा कि हम देहरादून अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट को देखने के लिए वास्तव में बहुत उत्साहित थे। किताबों में हम जो कानून पढ़ते हैं वह अपने व्यावहारिक कार्यान्वयन से बहुत अलग है और हमने आज की इस एक दिन की जागरूकता दौरे में यह सब सीखा। एक अन्य छात्र अनुष्का ने कहा कि कक्षा में सीखने से कक्षाओं की स्थिति और सैद्धांतिक ज्ञान पर वास्तविकता का सामना करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण उद्देश्य है जो हम कक्षाओं में प्राप्त करते हैं। दौरा वास्तव में दिलचस्प और जानकारीपूर्ण थी।