‘‘झुमेलो गाएंगे, हरेला मनाएंगे, पेड़ लगाएंगे’’ का आयोजन
‘‘झुमेलो गाएंगे, हरेला मनाएंगे, पेड़ लगाएंगे।’’ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरेला के पावन पर्व पर पहले रिस्पना नदी के किनारे किशनपुर पुल के पास व उसके बाद राजपुर रोड़ स्थित जीजीआईसी में वृक्षारोपण किया। न्यू कैंट रोड़ स्थित सीएम आवास में संस्कृति विभाग व सामाजिक संस्था ‘धाद’ द्वारा आयोजित झुमेलो कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री शामिल हुए। सीएम आवास में आयेाजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे पूर्वजों की ही यह भविष्यनोन्मुखी सोच थी कि हरेला व झुमेलो के माध्यम से प्रकृति का अभिनंदन करने की परम्परा प्रारम्भ की। हमने इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए सांस्कृतिक पर्व हरेला को ‘मेरा पेड़ मेरा धन’ योजना से जोड़ते हुए प्रकृति संरक्षण को सांस्कृतिक अभियान के तौर आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब पूरी दुनिया में ग्रीन थिंकिंग व ग्रीन एक्शन की बात की जा रही है, हमारे पुरखों ने बरसों पहले कष्टों के बीच भी प्रकृति की वंदना के पर्व मनाने की परम्परा प्रारम्भ की। राज्य सरकार की पहल को लोगों ने खुद अभियान के रूप में लिया है। पूरे प्रदेश में लोगों में पेड़ लगाने का उत्साह दिख रहा है। वृक्षारोपण का यह सबसे बड़ा नागरिक अभियान है। इसमें सरकार सिर्फ फेसिलिटेटर की भूमिका में है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमारा यह अभियान केवल पेड़ लगाने का ही नहीं है बल्कि इसका आर्थिक व स्वास्थ्य पक्ष भी है। ‘मेरा पेड़ मेरा धन’ योजना में हम उन पेड़ों को लगाने के लिए प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं जो कि लोगों की आजीविका से जुड़े हों। हम चारा प्रजाति व फल वाले वृक्ष लगाए जाने पर जोर दे रहे हैं। सीएम ने कहा कि ग्रामीण अंचलों का विकास तभी होगा जबकि खेती व पशुपालन का विकास हो। ग्रामीण क्षेत्रों में दो समस्याएं प्रमुख रूप से हैं। पहला महिलाओं में लौह व आयोडिन की कमी है। दूसरा, पशुओं के लिए चारा उपलब्ध नहीं है। इसके लिए हमें चारा प्रजाति के पेड़ लगाने के साथ ही विशेष रूप से अपने घरों में अमरूद व आंवला के पेड़ भी लगाने चाहिए।