फुटपाथ पर लोगों का फ्री इलाज करते है डॉक्टर अजीत
कानपुर | उम्र कोई भी हो यदि सम्माज की सेवा करनी है तो करनी है यह जज्बा कायम किया है फुटपाथ पर लोगों का फ्री इलाज करने वाले डॉ अजीत ने | यही नहीं इन डॉक्टर को प्रधानमंत्री ने मन की बात में फुटपाथ पर लोगों का फ्री इलाज करने वाले डॉक्टर का जिक्र भी किया है, उनकी कहानी काफी प्रेरणादायक है। एमडी करने के बाद 1980 से प्रैक्टिस शुरू करने वाले डॉ अजीत मोहन चौधरी पिछले एक महीने से चकेरी के चेतना चौराहे पर रोज एक घंटे गरीबों का इलाज करते हैं। डॉ अजीत कहते हैं, मैंने सारी दुनिया घूम ली। पारिवारिक जिम्मेदारियां पूरी हो गईं। ऐसे में कोई ख्वाहिश नहीं बची। उनके इस सेवा भाव की खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगी तो उन्होंने डॉक्टर के बारे में प्रशासन से पूरी डिटेल मंगवाई और रविवार को मन की बात कार्यक्रम में उनकी प्रशंसा की।पिछले एक महीने से वह रोज चकेरी के चेतना चौराहे पर लोगों को सुबह 10-11 के बीच देखते हैं। यहां गरीबों और असहाय लोगों का मुफ्त इलाज करते हैं। उनके पास इलाज के लिए हर तरह के मरीज आते हैं। उन्हें देखने के बाद वह फ्री में सैंपल की दवाएं भी देते हैं। अगर उनकी स्थिति गंभीर होती है तो उन्हें तत्काल सही रास्ता बताते हैं। इतना ही नहीं वह जहां बैठकर इलाज करते हैं वहां वह एक दान पात्र भी रखते हैं। इस पर उन्होंने शहीद सैनिकों के परिवार के लिए दान लिखकर रखा है। डॉ अजीत कहते हैं कि हर शख्स की जिम्मेदारी है कि वह समाज और गरीबों के लिए कुछ करे। उन्नाव के मूल निवासी डॉ. अजीत मोहन चौधरी का जन्म कानपुर में हुआ था। उनके पिता राजेंद्र शंकर चौधरी की गिनती कानपुर के नामी क्रिमिनल लॉयर्स में होती थी। डॉ अजीत ने 1977 में बिहार से एमबीबीएस और कानपुर से एमडी किया। 1980 में प्रैक्टिस शुरू की और चकेरी एरिया में अपना एक नर्सिंग होम खोला। डॉ अजीत 67 साल के हो चुके हैं, वह बताते हैं कि, मेरे बच्चों के सेटल होने के बाद कोई जिम्मेदारी नहीं बची। ऐसे में सोचा कि गरीबों के लिए कुछ किया जाए।