मिसाल : 4 अनाथ बच्चे को दंपती ने लिए गोद , जानिए ख़बर
गुवाहाटी | असम के जोरहाट में पति देवव्रत और पत्नी संतना शर्मा ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा युवाओं को पढ़ाने और बच्चों के साथ समय व्यतीत करने में बिताया। इस दंपती ने मानवता की मिसाल पेश की है। लेकिन जब इस दंपती के निजी जीवन की बात आई, तो वे 25 साल तक अपनी स्वेच्छा से निःसंतान रहे। हाल ही में उत्तरी असम में चाय बागानों में हुई एक त्रासदी ने उनका जीवन बदल दिया। उन्होंने चार अनाथ बच्चों को गोद लिया है। असम के गोलाघाट और जोरहाट में इस फरवरी में अवैध शराब पीने से 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई और उनके कई बच्चे अनाथ हो गए। दंपती ने ऐसे ही चार अनाथ भाई-बहनों को पालने का फैसला लिया। उन्होंने अप्रैल के अंत में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की सहमति के बाद चारों बच्चों को अपना लिया और घर ले आए। देवव्रत जोरहाट कॉलेज के प्रिंसिपल हैं, जबकि उनकी पत्नी संतना जोरहाट जाति विद्यालय के प्रिंसिपल हैं। जोरहाट जाति विद्यालय एक क्षेत्रीय भाषाई स्कूल है जो सामुदायिक सहायता से चलता है। चारों बच्चे हलमीरा चाय के बागान में अपने माता-पिता के साथ रहते थे। यह वही स्थान है जहां पर जहरीली शराब पीने से सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं। जो बच्चे पढ़ाई-लिखाई से दूर थे वे शर्मा परिवार में कदम रखते ही, किताबों की दुनिया में डूब गए। यहां आकर चारों भाई-बहनों को अपने जीवन का एक नया अर्थ जानने को मिला।