उत्तराखंड में लॉन्च हुआ प्रोबायोटिक हेल्थ ड्रिंक याकुल्ट
देहरादून | याकुल्ट डैनोन इंडिया प्रा. लि. ने प्रोबायोटिक फर्मेंटेड मिल्क ड्रिंक याकुल्ट को देहरादून, उत्तराखंड में लॉन्च किया । अपना विस्तार करने के लिए, कंपनी ने याकुल्ट को दून घाटी में लॉन्च करने का निर्णय लिया है। याकुल्ट को सबसे पहले भारत में 2008 में लॉन्च किया गया था और वर्तमान में यह 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। इस लॉन्च पर बोलते हुए, श्री हिरोशी हमादा, मैनेजिंग डायरेक्टर, याकुल्ट डैनोन इंडिया प्रा. लि. ने कहा, “भारत के कई प्रमुख बाजारों में याकुल्ट प्रेमियों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद देहरादून में याकुल्ट को लॉन्च करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। आंत के स्वास्थ्य में सुधार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रोबायोटिक्स के तमाम लाभों के प्रति भारतीय उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ रही है जिसके परिणामस्वरूप देश में प्रोबायोटिक बाजार का विकास भी तेज गति से हुआ है। कोविड-19 के बाद, हेल्दी फूड के प्रति भी उपभोक्ताओं का झुकाव बढ़ रहा है। इससे आने वाले वर्षों में भारत में प्रोबायोटिक्स बाजार को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।” आगे बोलते हुए, श्री हमादा ने कहा, “जब हमने देहरादून में याकुल्ट को लॉन्च करने का निर्णय लिया, उससे पहले हमने उत्तराखंड के लोगों के व्यवहार का अध्ययन शुरू किया और यह पाया कि हर महीने 1500 से ज्यादा लोग स्वस्थ भोजन और इम्यूनिटी जैसे कीवर्ड के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं। और इसके बाद हमें खुशी है कि हमने याकुल्ट को देहरादून में लॉन्च करने का फैसला किया ताकि यहां रहने वाले लोगों की मांगों को पूरा किया जा सके और याकुल्ट और याकुल्ट लाइट के साथ उनके इंटेस्टिनल हेल्थ में सुधार किया जा सके।” 40 देशों और क्षेत्रों में हर दिन याकुल्ट की 40 मिलियन सेअधिक बोतलों की खपत होती है।याकुल्ट में 6.5 अरब से अधिक अनूठे फायदेमंद बैक्टीरिया (लैक्टोबेसीलस केसीआई स्ट्रेन शिरोटा) हैं, जो विशिष्ट स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं, जिन्हें वर्षों के अनुसंधान के बाद हासिल किया गया है। याकुल्ट में मौजूद लाभदायक बैक्टीरिया जीवित ही पर्याप्त संख्या में आंतों में पहुंचते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकते हैं। याकुल्ट का दैनिक उपभोग पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है। याकुल्ट का आनंद गर्भवतीमहिलाएं, युवा से लेकर वृद्ध तक, हर कोई इसे अपने दैनिक भोजन का हिस्सा बनाकर ले सकता है। इसे दिल्ली के नजदीक हरियाणा के सोनीपत में स्थित अत्याधुनिक एचएसीसीपी, ओएचएसएएस18001:2007 और आईएसओ 9001:2015 सर्टिफाइड संयंत्र में बनाया जाता है। इसे फ्रिज में रखने पर निर्माण की तारीख से 40 दिनों तक उपयोग किया जा सकता है।