भगवान महावीर की शिक्षाएं प्रेरणादायक एवं कष्टों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली
देहरादून। देवाधिदेव वर्तमान शासननायक 24वें अंतिम क्रांतिकारी तीर्थंकर श्री 1008 महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक गांधी रोड जैन धर्मशाला झण्डा बाजार मंदिर मे मनाया गया। जैन धर्म के इस युग के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ऋषभदेव के पौत्र मारीचि से लेकर अन्तिम तीर्थंकर भगवान महावीर के भव तक की जीवन यात्रा किसी आत्मा के अपने मिथ्या अहंकार एवं अज्ञान जनित विकारी वृत्तियों के फल में संसार परिभ्रमण की तथा उससे मुक्ति की विचित्र ही कथा है। करोड़ों करोड़ों भव विभिन्न योनियों में बिताने के बाद महावीर के अन्तिम भव से पूर्व के दसवें भव में सिंह की योनि में उन्हें चारण ऋद्धिधारी मुनियों से आत्महित प्रेरक उद्बोधन मिला और उस सिंह योनि से भगवान महावीर के आत्मा की विकास यात्रा प्रारम्भ हुई। अन्तिम भव में वैशाली गणतन्त्र के कुण्डग्राम में राजा सिद्धार्थ व महारानी प्रियकारिणी त्रिशला के घर में चैत्र शुक्ला त्रयोदशी के दिन बालक वर्धमान के रूप में उस पवित्र आत्मा ने जन्म लिया। भगवान महावीर का यह जीवन और उनकी शिक्षाएं भी जगत के सभी प्राणियों के लिये अत्यन्त प्रेरणादायक एवं जागतिक कष्टों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली हैं।
महावीर जयंती की पूर्व संध्या के अवसर पर महिला जैन मिलन देहरादून द्वारा मासिक मिलन एवं महावीर जन्म कल्याणक के उपलक्ष में 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर झंडा बाजार में णमोकार मंत्र का पाठ एवं भजन कीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इसी कड़ी मे भारतीय जैन मिलन की शाखा महिला जैन मिलन मूकमाटी द्वारा महावीर जयंती के उपलक्ष में भगवान महावीर का गर्भ व जन्म कल्याणक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम की शुरुआत महावीर के वंदना से की गई। जिसमे सभी महिलाओं ने ’त्रिशला के नंदन करते हैं तुमको वंदन पर वंदना प्रस्तुत की सभी महिलाओं ने सज धज कर माता की सोलह सपनों से लेकर भगवान के पालने झुलाने तक के दृश्य मनोहारी दिल को छूने वाले भक्ति भाव से परिपूर्ण थे जिसमें सभी भक्तों ने भक्ति की गंगा गोते लगाए और जन्म कल्याणक की खुशियां मनाई इस अवसर पर जैन मिलन द्वारा महा मासिक मिलन का भी आयोजन महावीर जयंती के उपलक्ष में किया गया जिसमें महावीर भगवान के जीवनकाल पर आधारित प्रश्नोत्तरी की गई। इसी श्रृंखला मे रवीशा जैन के द्वारा जैन संस्कारों का महत्व क्लिमेंटाउन पार्श्वनाथ जैन मंदिर के बच्चों द्वारा किया गया। इस अवसर पर जैन भवन मंत्री संदीप जैन ने कहा कि श्रीजी को रथ पर पर लेकर चलने वाले पात्रों का चयन प्रातः 10.30 तत्पश्चात जैन धर्मशाला से रथ यात्रा प्रारंभ की जायेगी। इस अवसर पर केंद्रीय महिला संयोजिका मधु जैन पूनम सरिता श्रद्धा प्राची मंजू संयोजक आशीष अर्जुन ..अमित सचिन जैन अजित सुनील सुखमाल जी मोनिका अशोक सुरेश जी पूनम, सरिता, संगीता ,शिल्पी,श्रद्धा ,प्रियल ,सारिका,मीनू,हिमानी ,वैशाली ,प्राची, कृतिका मंजू जैन, वीना जैन, गीतिका जैन, मधु जैन,शेफाली जैन अलका जैन रश्मि जैन संगीता जैन सुप्रिया जैन सुनीता जैन सुनैना जैन रेखा जैन राजीव जैन गौरव जैन अनुपमा जैन पायल जैन ज्योति जैन रुकमणी जैन मोनू जैन आदि उपस्थित रहे।