Breaking News:

सांख्य योग फाउंडेशन के अभियान को दून के प्रबुद्ध नागरिकों ने दिया समर्थन, जानिए क्या है अभियान -

Saturday, November 23, 2024

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025 : 16 जनवरी से 15 फरवरी चलेगा प्रैक्टिकल परीक्षा -

Saturday, November 23, 2024

संयुक्त नागरिक संगठन ने नशे एवं तेज गति से वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर जताई चिंता, किया गोष्ठी -

Friday, November 22, 2024

जेईई परीक्षा : अब 3 नहीं 2 बार ही दे सकेंगे एग्जाम, जानिए खबर -

Tuesday, November 19, 2024

देहरादून : रंगोली और बैनर प्रतियोगिता का आयोजन उज्जवल शिखर जनकल्याण ट्रस्ट द्वारा किया गया -

Monday, November 18, 2024

उत्तराखंड के सभी स्कूलों में पढ़ाई और छुट्टियों का समय होगा एक समान, जानिए खबर -

Monday, November 18, 2024

देहरादून : राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जिला सूचना कार्यालय में गोष्ठी का हुआ आयोजन -

Monday, November 18, 2024

बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर शिक्षा से जोड़ा जाएगा: डीएम देहरादून -

Sunday, November 17, 2024

देहरादून में साउथ अफ्रीका की छात्रा के साथ सूडान के छात्र के किया बलात्कार, मुकदमा दर्ज -

Sunday, November 17, 2024

केदारनाथ सीट पर उपचुनाव में मुकाबला हुआ रोचक, जानिए खबर -

Sunday, November 17, 2024

महाभियान का शुभारम्भ, जानिए खबर -

Sunday, November 17, 2024

हम सब ने यह ठाना है इस अभियान को बढ़ाना है “ना ड्रग्स लेंगे और ना लेने देंगे” -

Sunday, November 17, 2024

डा चतुर्वेदी द्वारा स्वामी राम तीर्थ परिसर स्थित लाइब्रेरी में पुस्तक भेट किया -

Friday, November 15, 2024

ऋषिकेश में बाइक हादसे में यूट्यूबर की मौत, दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल -

Wednesday, November 13, 2024

बेरोजगार आंदोलन को फंडिंग करने वालों व पत्थरबाजों को बेनकाब करो सरकारः मोर्चा -

Wednesday, November 13, 2024

40 हजार को बता दिया 400 करोड़ का घोटालाः अनिल कुमार यादव -

Tuesday, November 12, 2024

जरा हटके : नेशनल गेम्स के कैंप को लेकर संघ और विभाग आमने-सामने -

Tuesday, November 12, 2024

उत्तराखंड : बॉबी पंवार ने ऊर्जा विभाग में हुई नियुक्तियों पर उठाये गंभीर सवाल -

Tuesday, November 12, 2024

सचिवालय में वरिष्ठ IAS अधिकारी के साथ बॉबी पवार ने की गुंडागर्दी, जानिए खबर -

Thursday, November 7, 2024

दिव्यंगता : जागरूकता अभियान के तहत निशुल्क शिविर का आयोजन -

Thursday, November 7, 2024



कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य: एक सतत प्रयास….

देहरादून (अंकित तिवारी) | हर साल 28 अप्रैल को, हम कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस मनाते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा 2003 से स्थापित किया गया था, जो व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए वैश्विक जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास है, यह दिवस हमें उन जोखिमों को याद दिलाता है जो श्रमिकों को रोज़मर्रा के कामकाज के दौरान झेलने पड़ते हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, हर साल 2.3 मिलियन से अधिक लोग काम से संबंधित बीमारियों और चोटों से मर जाते हैं, और 300 मिलियन से अधिक लोग काम से संबंधित दुर्घटनाओं और बीमारियों से पीड़ित होते हैं, यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं, और वे व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। सुरक्षित और स्वस्थ कार्यस्थल न केवल श्रमिकों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे उत्पादकता और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देते हैं। तकनीकी प्रगति, जनसांख्यिकीय बदलाव और जलवायु परिवर्तन जैसे कई कारकों ने कार्यस्थल के परिदृश्य को बदल दिया है। इन बदलावों के साथ, व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य चुनौतियों का एक नया सेट सामने आया है। प्रौद्योगिकी ने कई उद्योगों में क्रांति ला दी है, और इसने नए जोखिमों को जन्म दिया है। उदाहरण के लिए, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन का उपयोग शारीरिक चोटों के खतरे को कम कर सकता है, लेकिन यह नए एर्गोनोमिक और मनोवैज्ञानिक खतरों को भी जन्म दे सकता है। जनसांख्यिकी में बदलाव, जैसे कि बढ़ती उम्र और अधिक विविध कार्यबल, व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए नए विचारों को जन्म देते हैं। उदाहरण के लिए, वृद्ध श्रमिकों को युवा श्रमिकों की तुलना में विभिन्न प्रकार की चोटों और बीमारियों का खतरा होता है, और विकलांग श्रमिकों को विशिष्ट आवास की आवश्यकता हो सकती है। जलवायु परिवर्तन भी कार्यस्थल को प्रभावित कर रहा है, जिससे हीट स्ट्रेस, बाढ़ और अन्य खतरों का खतरा बढ़ रहा है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रयासों को विकसित और अनुकूलित करने की आवश्यकता है। हमें नए जोखिमों की पहचान करने, रोकथाम रणनीति विकसित करने, श्रमिकों को शिक्षित करने और प्रशिक्षित करने और मजबूत कानूनों और विनियमों को लागू करने की आवश्यकता है। कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य एक साझा जिम्मेदारी है। सरकारों, नियोक्ताओं, श्रमिकों और समुदायों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर कोई सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण में काम कर सके। यह दिवस हमें व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने और एक ऐसी दुनिया बनाने का प्रयास करने का अवसर प्रदान करता है जहां सभी श्रमिक गरिमा और सम्मान के साथ काम कर सकें। आइए हम सब मिलकर कार्यस्थलों को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए मिलकर काम करें!

– इस लेख के लेखक अंकित तिवारी, शोधार्थी, अधिवक्ता एवं पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि

Leave A Comment