उत्तराखंड : सीएम ने हल्द्वानी-काठगोदाम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व लिगेसी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का लोकार्पण किया
देहरादून | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट क्षमता 28 एमएलडी लागत 35 करोड 58 लाख तथा लिगेसी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लागत 3 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण कर हल्द्वानी को समर्पित किया। मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा पर्यटन एवं वन्यजीवों के पहचान के लिए बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय चिड़ियाघर के लिए आवश्यकतानुसार धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा की साथ ही उन्होंने कहा कि नशे से युवाओं को दूर रखने हेतु वर्ष 2025 रजत जयंती ड्रग्स फ्री देवभूमि प्रदेश होगा इसके लिए हल्द्वानी में नशा मुक्ति केन्द्र खोलने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सुशीला तिवारी चिकित्सालय में आधुनिक कैथलैब स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि चिकित्सालय में कैथलैब खुल जाने से हृदय रोगियों को आसानी से ईलाज मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने गौलापार क्षतिग्रस्त नहर के जीर्णोद्धार हेतु धनराशि आवंटित करने की लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में विद्युत पोल, नई लाईनों एवं ट्रांसफार्मरों आदि के लिए धनराशि देने की तथा लालकुआं बंगाली कॉलोनी एवं हाथीखाना हेतु पेयजल एवं विद्युत हेतु डीपीआर बनाने के साथ ही धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा की। अपने सम्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नमामि गंगे की कल्पना की गई थी वह धरातल पर साकार हो रही हैं। उन्होंने कहा गंगा नदी के साथ ही प्रदेश की सभी नदियों का प्रदूषण को समाप्त करने और नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए योजना प्रारम्भ की गई है। उन्होंने कहा प्रदेश का अमृत योजना के तहत सबसे बडा सीवर प्लांट हल्द्वानी शहर में प्रारम्भ हो जाने से गौला नदी को प्रदूषण से बचाया जा सकेगा वही सीवर का प्रयोग जैविक खाद के रूप में किसानों द्वारा उपयोग में लाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह प्लांट भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार गंगा नदी सहित सभी नदियों को निर्मल एवं स्वच्छ रखने की ओर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गंगा नदी के साथ ही सहायक नदियों को दूषित करने वाले 132 नालों में सीवरेज प्लांट स्थापित कर दिये हैं तथा 11 सीवरेज प्लांटों पर निर्माण गतिमान है। उन्होंने कहा मां गंगा मोक्षदायिनी है गंगा का स्वच्छ एवं निर्मल होना जरूरी है इसके लिए सरकार द्वारा नमामि गंगे के तहत अभियान चलाकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि उत्तराखण्ड की सीमाओं की अन्तिम छोर तक गंगा जल पीने योग्य एवं उच्च कोटि का हो यही हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि अमृत कार्यक्रमों के द्वारा प्रधानमंत्री ने जो विजन दिया है हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है।