जनता से ‘मन की बात’ नही ‘समाधान’ की बात करता हूँ : हरीश रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत से सचिवालय में कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय सम्बन्धी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष डाॅ0 ई.एम. सुदर्शना नाच्चिपम के नेतृत्व में स्थाई समिति के अन्य सदस्यों ने शिष्टाचार भेंट की | स्थाई समिति के सदस्यों से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जन शिकायतों को गम्भीरता से लिया जाता है। जनता की शिकायतों को सुनने के लिये प्रत्येक माह ‘समाधान‘ योजना के तहत वीडियो काॅन्फ्रेंसिग के माध्यम से लगभग 50 लोगों की समस्याओं को सुनकर तत्काल उनका समाधान व सम्बन्धित अधिकारियों को उनके निराकरण के लिये आदेशित किया जाता है। इसके अलावा, प्रत्येक मंगलवार को जनता दरबार लगाकर जन समस्याओं को सुना व उनका निराकरण किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी व्यक्ति हर शनिवार को फोन पर अपनी समस्याओं के विषय पर बात कर सकता है। जबकि रविवार को वे स्वयं भी जनता को रैंडमली फोन कर उनकी समस्याओं को सुनते हैं व उनका निराकरण करते है। उन्होंने कहा कि लोगों को त्वरित एवं सस्ता न्याय के साथ ही न्यायिक सहायता उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश में स्टेट लीगल सेल का गठन किया गया है तथा लीगल लिट्रेसी के साथ ही ट्राईबल जस्टिस के प्रति भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में सामाजिक सौहार्द का वातावरण अन्य प्रदेशों से बेहतर है। राज्य के चार धामों में आपदा के बाद यात्रियों का आवागमन पहले की तरह आरम्भ हो गया है। इन धामों में यात्रियों के आवागमन व आवास आदि की बेहतर व्यवस्थाएं की गयी है। केदारनाथ के पुनर्निर्माण के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। पर्वतीय क्षेत्रों में बरसात के समय कुछ समस्याएं जरूर रहती हैं, जिनका समाधान भी त्वरित रूप से तत्समय किया जाता है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत फन्डिंग पैटर्न में बदलाव होने के कारण राज्य को कुछ कठिनाईयां जरूर हैं, जिनके समाधान के लिये राज्य के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री रावत ने स्थाई समिति के सदस्यों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। इस अवसर पर मजीद मैनन, रजनी पाटिल, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी व शैलेश बगोली, बी.वी. नायक, डाॅ0 ए. सम्पत, डाॅ0 अंशुल वर्मा सहित स्थाई समिति अन्य सदस्य शामिल थे