राज्यसभा चुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं
आम चुनाव में बीजेपी संग चुनाव लड़ने वाले राजभर इन दिनों बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और उनके 4 एमएलए क्रॉस वोटिंग कर खेल बिगाड़ सकते हैं। उत्तरप्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में अपने संख्या बल के आधार पर बीजेपी 10 में से आठ सीटें आसानी से जीत सकती है। मगर उसने अपना नौवां प्रत्याशी भी खड़ा किया है, जबकि एसपी और बीएसपी बाकी दो सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त हैं। कई मौकों पर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके ओमप्रकाश राजभर की सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी अगर आगामी 23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट नहीं करती है तो फिर उसे नौवीं सीट जीतने में मुश्किल हो सकती है। ओमप्रकाश राजभर ने रविवार को कहा, ‘हम अभी से कैसे बता सकते हैं कि अगले राज्यसभा चुनाव में हम बीजेपी को वोट देंगे या किसी अन्य पार्टी को। हमने अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है।’ इससे पहले कई मौकों पर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके राजभर ने कहा, ‘हालांकि हम अभी बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या बीजेपी ने राज्यसभा और गोरखपुर तथा फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी तय करने से पहले हमसे कोई सलाह ली थी? राजभर ने कहा कि बीजेपी ने नगरीय निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए, लेकिन क्या तब उसने गठबंधन धर्म निभाया? यहां तक कि लोकसभा उपचुनाव में भी बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों से यह नहीं पूछा कि उपचुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी? उन्होंने यह भी कहा कि जब तक बीजेपी का कोई नेता उनसे नहीं पूछेगा, तब तक बात आगे नहीं बढ़ेगी। राजभर ने कहा कि प्रत्याशी तय करना बीजेपी का काम है, लेकिन एक शिष्टाचार के नाते उसे कम से कम एक बार तो पूछना ही चाहिए कि क्या कोई सहयोगी दल चुनाव प्रचार में उसके साथ आना चाहेंगे। मगर बीजेपी के किसी भी नेता ने हमसे यह नहीं पूछा। सवालिया अंदाज में राजभर ने कहा कि हम बीजेपी संग गठबंधन में हैं और अगर वह गठबंधन धर्म नहीं निभाती है तो क्या हमें उसके साथ जाना चाहिए? राजभर ने कहा कि गोरखपुर में हाल में हुए लोकसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी बीजेपी को कSम से कम 30,000 वोट दिलवा सकती थी, लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी की नजर में हमारी कोई उपयोगिता नहीं है।