जरा हटके : अलाव की लकड़ी को लेकर पालिका चेयरमैन और विधायक भिड़े
रुड़की। रुड़की की मंगलौर नगर पालिका में अलाव की लकड़ी को लेकर पालिका चेयरमैन और विधायक आपस में भिड़ गए। पहले विधायक और चेयरमैन के बीच गाली-गलौच, धक्कामुक्की हुई। इसके बाद समर्थक भी आपस में भिड़ गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकार कर भीड़ को तितर-बितर किया। इसी दौरान चेयरमैन पालिका के एक कमरे में घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया। करीब 20 मिनट बाद सीओ पंकज गैरोला पुलिस बल के साथ पहुंचे और उन्हें आवास तक पहुंचाया। बुधवार देर शाम को नगरपालिका के ठेकेदार निर्वेश शर्मा ने पालिका में अलाव के लिए लकड़ी मंगाई थी। कुछ सभासदों ने पालिका अध्यक्ष से शिकायत की कि अलाव के लिए मंगाई गई लकड़ी गीली हैं। सूचना पर पालिका अध्यक्ष हाजी दिलशाद अली और उनके भाई डॉक्टर शमशाद अली पालिका पहुंच गए। ईओ मोहम्मद कामिल ने ठेकेदार और अध्यक्ष के बीच लकड़ी के विवाद को लेकर मामले की जानकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह को दी। उन्होंने तहसीलदार शालिनी मौर्य को मौके पर भेजा गया। तहसीलदार जांच कर पाती उससे पहले ही ठेकेदार ने मामले की जानकारी विधायक हाजी सरवत करीम अंसारी को दे दी। सूचना पर शाम करीब साढ़े सात बजे विधायक भी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए। इसके बाद चेयरमैन व विधायक के बीच नोकझोंक होने लगी। तभी विधायक के किसी समर्थक ने लकड़ी चेयरमैन की ओर उछाल दी गई। इसके बाद विधायक और चेयरमैन भिड़ गए। ईओ मोहम्मद कामिल ने बताया कि मामले की जानकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को दी गई थी। इसके बाद तहसीलदार शालिनी मौर्य ने पहुंचकर जांच की। बताया कि तहसीलदार द्वारा अलाव के लिए मंगाई गई लकड़ी को सही पाया गया है। विधायक और चेयरमैन में करीब छह माह से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। विधायक ने दो माह पूर्व चेयरमैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और मुख्यमंत्री व अन्य अधिकारियों से मामले की शिकायत की थी। वहीं विधायक समर्थकों द्वारा भी पालिका अध्यक्ष की शिकायत की गई थी। इस पर जिलाधिकारी ने पालिका के निर्माण कार्यों के भुगतान पर रोक लगा दी थी। कभी पालिका चुनाव के दौरान विधायक सरवत करीम अंसारी ने ही चेयरमैन दिलशाद अली को जिताने में भूमिका निभाई थी। यही नहीं विधायक ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर भी चेयरमैन को निर्दलीय चुनाव जिताया था। विधानसभा चुनाव में भी चेयरमैन और विधायक साथ-साथ थे लेकिन बाद में कुछ ऐसा हुआ कि दूरिया बढ़ने लगीं।