कहा गए ओ दिन ……
आज से २५-३० साल पहले जीवन में होने वाले क्रियाकलापो में खेल , मनोरंजन , दिनचर्या वस्तु को इस्तेमाल करना कितनी सुकून भरी आशाये दिखती थी ,
जहा मनोरंजन में मात्र एक माधयम दूरदर्शन जिसके द्वारा रामायण ,चन्द्रकान्ता ,बिक्रम बैताल , रंगोली व्योमकेश ,आदि का लुफ्त उठाते थे वही , खाने में उल्टापुल्टा चूरन, उंगलियो में लगी हुई नल्ली ,
वही खेल में चोर सिपाही पर्ची , लाली , आदि |