शौर्य दिवस पर सीएम ने कारगिल शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि
देहरादून। कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिवारजनों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल लड़ाई में माँ भारती की रक्षा के लिये हमारे वीर जवानों ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद… 1999 से लेकर आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। भारतीय सेना के अदम्य साहस और वीरता ने दुश्मन को एक बार फिर ये बतला दिया था कि उसके रहते हुए, तिरंगे की आन-बान और शान में रत्ती भर की भी कमी नहीं आ सकती। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल की यह विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है और अपने 75 सपूतों का बलिदान… ये वीर भूमि कभी नहीं भुलाएगी। जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो स्वयं एक सैनिक परिवार से आता हूं और सेना के साथ मेरा रिश्ता आत्मीयता का रिश्ता है। अपने पिता जी से सुनी सैन्य वीरों की गाथाओं ने मुझे बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और मेरे अंदर राष्ट्र के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना को जागृत किया। मैंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे। हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते। अटल जी ने शहीदों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ करने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सेना ना केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। हमारी सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है तो वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री जी निरंतर सैनिकों के साहस और मनोबल को बढ़ा रहे हैं और यही कारण है कि सेना आज गोली का जवाब गोले से दे रही है। भारत सरकार हर स्तर पर सेना को सदृढ़ करने का कार्य का रही है और इसी कड़ी में अग्निपथ जैसी बहुमुखी योजना को भी लागू किया गया है। इस योजना को युवाओं ने अपना अभूतपूर्व समर्थन दिया है और सेना को रिकॉर्ड संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये उत्साह दिखाता है कि हमारी युवा पीढ़ी ना केवल राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित है बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी पूरी तरह से सजग है।