सिर पर हेल्मेट होती तो बच जाती लगभग पचास हज़ार लोगों की जान , जानिए खबर
ट्रैफिक जुर्माने को लेकर बहुत कुछ बाते हो रही है कहि सही तो कही इसे गलत कदम बताया जा रहा है कुछ राज्यों ने इसे लागू करने के लिए ऐतराज भी जताया है , लेकिन बिना हेल्मेट बाइक चलाने वालों की बात करें तो यह काफी खतरनाक साबित हुआ है। हेल्मेट न लगाना खुद उनके ही यह कितना जानलेवा है इसका अंदाजा यह आंकड़ा करता है कि 2018 साल में हेल्मेट न लगाने वाले पचास हज़ार दो पहिया वाहन चलाने वालों की हादसों में मौत हुई। यही नही इससे पिछले के मुकाबले यह आंकड़ा 21 फीसदी ज्यादा था, तब लगभग पैतीस हज़ार लोगो की ऐसे बाइक राइडर्स की हादसे में मौत हुई थी, जिन्होंने मौके पर हेल्मेट नहीं लगा रखा था। यही नहीं बिना हेल्मेट पीछे बैठने वाले लोगों की मौतों का आंकड़ा भी पन्द्रह हज़ार के आस पास रहा है । यह आंकड़ा बताता है कि हादसे की स्थिति में बाइक पर चलने वाले लोगों के लिए हेल्मेट जान बचाने के मकसद से कितना जरूरी है। यह जानना तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब गुजरात और झारखंड जैसे राज्यों ने पीछे बैठने वाले लोगों को हेल्मेट न पहनने वालों को जुर्माने से छूट देने का ऐलान कर दिया है। गुजरात की बात करें तो बीते साल यहां ऐसे एक हज़ार के करीब टूवीलर ड्राइवर्स की हादसों में मौत हो गई, जिन्होंने हेल्मेट नहीं लगा रखा था। इसके अलावा साथ में बैठे ऐसे छः सौ के आस पास लोग थे, जो हादसों में मारे गए। इसी तरह झारखंड में हेल्मेट के बगैर चलने वाले 790 दोपहिया चालकों को मौत का शिकार होना पड़ा, जबकि साथ में बैठे 450 लोग मारे गए। बीते सप्ताह ही दोनों राज्यों ने आधिकारिक रूप से ऐलान किया था कि यदि दोपहिया वाहन में पीछे बैठे यात्री ने हेल्मेट नहीं लगाया होगा तो उसका चालान नहीं काटा जाएगा। उत्तर प्रदेश छः हज़ार के आस पास की संख्या के साथ पहले नंबर पायदान पर है जहाँ बिना हेल्मेट चलने वाले लोगों की मौत के आंकड़े के मामले में टॉप पर है । महाराष्ट्र में ऐसे पाँच हज़ार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है ।