अपराध : हत्या कर बोरे में लाश रखने वाला आरोपी गिरफ्तार
देहरादून। दो दिन पहले बोरे में लाश रखकर फरार हुए हत्यारोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसके कब्जे से मृतक का मोबाइल व स्कूटी बरामद कर ली जिसने बताया कि पैसों के लेनदेन को लेकर उसका मृतक से झगडा हुआ था जिसके बाद उसने उसकी हत्या कर दी। शनिवार को यहां इसकी जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि 29 दिसम्बर को पुलिस को सूचना मिली कि संजय कालोनी के एक मकान के अन्दर एक व्यक्ति का शव कटटे के अन्दर रखा हुआ है। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। आसपास के लोगों ने बताया कि मृतक का नाम मौहम्मद अशरफ अलवी है तथा इसके द्वारा गुलिस्तान म्यूचुअल बेनेफिट निधि लिमिटेड के नाम से भगतसिंह कालोनी में कार्यालय खोला हुआ है तथा इसके साथ एक सोहेल पुत्र मौहम्मद नौशाद निवासी नजीबाबाद भी रहता था जो 22 दिसम्बर को कमरा बंद करके गया था। जिसके बाद पुलिस ने सोहेल की तलाश शुरू की तथा उसके मोबाइल नम्बर की लोकेशन प्राप्त की जिसके बाद गत दिवस सोहेल को गीतांजलि एन्क्लेव के पास पार्क से गिरफ्तार कर लिया। जिसके कब्जे से मृतक के दो मोबाइल व स्कूटी बरामद कर ली। पूछताछ में सोहेल ने पुलिस को बताया कि अशरफ ने चिटफंड कम्पनी खोली थी तथा उसको अपना पार्टनर बनाया था। उन्होंने लगभग 200 से अधिक लोगों के खाते खुलवाये थे। लेकिन अशरफ ने उसको पैसों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जिसके बाद पैसों को लेकर उसका अशरफ के साथ झगडा हुआ था और अशरफ ने उसको घर से निकाल दिया। जिसके बाद उसने अशरफ को मारने की योजना बनायी। उसको उम्मीद थी अशरफ के पास डेढ से दो लाख रूपये होंगे। जिसके बाद 21 दिसम्बर को रात्रि साढे दस बजे अशरफ के कमरे में पहुंचा और बाहर ठंड का बहाना बनाकर उसके कमरे में जाकर लेट गया और अशरफ के सोने का इंतजार करने लगा। साढे 11 बजे जैसे ही अशरफ को नींद आयी तो उसने छोटा गैस सिलेण्डर उठाया और अशरफ के सिर पर मार दिया तब अशरफ मात्र घायल हुआ था जिसके बाद उसने ओर वार उसके सिर पर किये जिससे उसकी मौत हो गयी। जिसके बाद वह कट्टा लेकर आया और उसमें अशरफ का शव डाल दिया। काफी भारी होने के कारण वह उसको उठा नहीं पाया था इसलिए उसको बोरे में बंद कर वहां से भाग गया। उसने अशरफ की तलाशी ली तो उसके पास से मात्र 5700 रूपये मिले जिसके बाद वह अशरफ की स्कूटी लेकर नजीबाबाद चला गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।